भोपाल (म-प्र-): बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं और बच्चियों पर बढ़ते अपराधों, आमजन की तमाम समस्याओं के खिलाफ एवं प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने तथा आशा-ऊषा सहित तमाम स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग पर प्रदेश की राजधानी भोपाल में 18 फरवरी को एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) द्वारा एक राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। रेलवे स्टेशन से रैली की शुरुआत की गई। रैली सेंट्रल लाइब्रेरी शाहजनी पार्क (भोपाल), काली माता मंदिर से होते हुए बुधवारा चौराहे से होते हुए इकबाल मैदान पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई। रैली में प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, गुना, इंदौर, देवास, अलीराजपुर, सागर, अशोक नगर, शिवपुरी, रायसेन, विदिशा, जबलपुर इत्यादि जिलों से सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
सभा की शुरुआत में सबसे पहले पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य वत्तफ़ा एसयूसीआई(सी) के राज्य सचिव एवं केंद्रीय कमेटी सदस्य कॉमरेड प्रताप सामल ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार की तमाम जनविरोधी नीतियों के फलस्वरूप बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से आम जनता का जीवन दूभर हो गया है। गांव-शहरों में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने वाले सरकारी तंत्र लगातार विफल हो रहे हैं, वहीं छात्र, बेरोजगार युवा, मजदूर, किसान, छोटेे व्यापारी एवं आशा-ऊषा, आंगनबाड़ी सहित तमाम संविदा ठेका कर्मचारियों के सामने घोर निराशा छाई हुई है। ठप्प होती राशन वितरण प्रणाली, बड़ी मात्र में बीपीएल राशन कार्डों के अभाव में एवं गरीबी रेखा का सही निर्धारण न होने के कारण तमाम जरूरतमंद लोगों को राशन से वंचित होना पड़ रहा है। प्रदेश में 92 बच्चे प्रतिदिन भूख के कारण दम तोड़ रहे हैं। वहीं गोदामों में लाखॊं टन अनाज सड़ रहा है। यह सब सरकारों की पूंजीपतिपरस्त नीतियों के कारण हैं। दोनों ही काँग्रेस व बीजेपी की नीतियों में मूलभूत कोई अंतर नहीं हैं। इसलिये एक जबरदस्त जुझारु आंदोलन वत्तफ़ की मांग है।
एसयूसीआई (सी) म-प्र- राज्य कमेटी सदस्य व ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की राज्य सचिव कॉमरेड रचना अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे शराब के ठेकों व स्मैक जैसे नशे के कारोबार, मोबाइल इंटरनेट के माध्यम से परोसी जा रही गंदी फिल्मों की वजह से लोग बिगड़ रहे हैं। देश की महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। छोटी-छोटी बच्चियों, यहां तक कि विभिन्न बालिका छात्रवासों व अनाथ आश्रमों में बच्चियों के साथ हो रहे यौन अपराधों की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। उन्होंने इनकी निष्पक्ष जांच की मांग की। मध्य प्रदेश आशा, आशा-सहयोगिनी वर्कर यूनियन की तरफ से सीता बारिया, ज्योति पांडे इत्यादि ने भी अपनी बात रखी। उनकी प्रमुख मांग थी कि आशा-ऊषा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। न्यूनतम वेतन 21000 रुपये प्रतिमाह फिक्स किया जाए। साथ ही पेंशन, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ, मेडिकल सुविधाएं इत्यादि मुहैया करायी जाएं।
एसयूसीआई (सी) के राज्य कमेटी सदस्य एवं छात्र संगठन एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष कॉ- मुदित भटनागर, पार्टी की राज्य कमेटी की सदस्य एवं एआईएमएसएस की राज्य अध्यक्ष कॉमरेड जॉली सरकार, राज्य कमेटी सदस्य व छात्र संगठन एआईडीएसओ के राज्य सचिव कॉ- सचिन जैन, एआईडीवाईओ के राज्यसचिव कॉ- प्रमोद नामदेव, एआईयूटीयूसी के राज्याध्यक्ष कॉ- जे-सी- बरई, एआईकेकेएमएस के राज्यसचिव कॉ- मनीष श्रीवास्तव ने भी सभा को संबोधित किया।
जनसभा की अध्यक्षता पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य व एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव कॉमरेड सुनील गोपाल ने की।

का उमड़ पड़ा जन सैलाब